Monday, January 14, 2013

गुपचुप से जो आये इस दिल में पिया, लेके "जिया" दूर ना जाना


गुपचुप से जो आये इस दिल में पिया, लेके "जिया" दूर ना जाना, 
जो भीग आये तेरा कोरा मन, दिल की हर उलझन मुझसे ना छुपाना,

ना रखना बंद इन अधरों(होठ) को सनम, साथ ना दे जुबा तो आँखों से जाताना,
जो घिर आये दुखो के बदरा घरो पे, मेरे हिस्से की खुशियों से तू एक आशियाँना बसाना,

छोड़ो भी जिद देखो आयी प्यार की ऋतु, ले के "अंश" नाम अब ना शर्माना 
गुपचुप से जो आये इस दिल में पिया, लेके "जिया" दूर ना जाना...!!!

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